गुरुवार, 6 अप्रैल 2017

क्या भारत बनेगा हिन्दू राष्ट्र ? क्या भारत बनेगा अखंड भारत ? Hindu Rashtr; Akhand Bharat



क्या भारत बनेगा हिन्दू राष्ट्र ? क्या भारत बनेगा अखंड भारत ?
मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान के बाद कल हिन्दू राष्ट्र के मुद्दे पर छोटे परदे पर जम कर चर्चा हो रही थी ! अनेक हिन्दू संघठन चाहते हैं की भारत एक हिंदू राष्ट्र हो ! प्रश्न है की क्या यह सम्भव है ? क्या भारत कभी हिन्दू राष्ट्र था ? क्या भारत कभी अखंड भारत जिस कोई देश था ? चलिये इस परिकल्पना को आंकडो के परिपेक्ष मैं समझैं ! गूगल से लिए गए आंकड़ों के अनुसार
भारत की वर्तमान जनसँख्या लगभग 1,22,64,53,875 है जिसमें हिन्दू, 80.5% अर्थात 99,52,57,428 हैं ! मुसलमान 13.4 प्रतिशत अर्थात 16,56,70,181 तथा अन्य की जनसँख्या 5.3 प्रतिशत अर्थात 6,55,26,266 है ! अभी तक भारत एक धर्म निरपेक्ष राज्य है साथ मैं जनतंत्र भी है ! लोकतंत्र में बहुमत या आम सहमति से फैसले होते हैं ! अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि हिन्दू राष्ट्र की रूप रेखा क्या होगी ? जब तक हिन्दू राष्ट्र की स्पष्ट व्याख्या नहीं होती है तब तक यह मुद्दा हवा में यदा कदा उछलता ही रहेगा ! इससे प्रेम भाव नहीं बढ़ेगा ! इसलिए सर्व प्रथम मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ को हिन्दू राष्ट्र की रूप रेखा की स्पष्ट व्याख्या करनी चाहिए !
अखंड भारत !
भारत, पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, म्यानमार (बर्मा), तिब्बत , अफगानिस्तान, बंगलादेश आदि को मिलाकर अखण्ड भारत का निर्माण हो ! यह है अखण्ड भारत की परिकल्पना ! ज्ञान्तव्य हो इस परकल्पित अखण्ड भारत की कुल जनसंख्या 1,72.94,89,661 हो सकती है ! इसमैं 63% हिन्दू है ; 32% मुस्लिम हैं तथा 5% बौद्ध आदि है ! इस सम्बन्ध मैं इन सब देशों की जनसंख्या का विवरण नीचे दिये गया है ! यह आंकडे इंटरनेट से लिये गए है ! लिंक नीचे दिया गया है !
हिंदू…63%; मुस्लिम…32%; बौद्ध …5%
क्या इससे हिंदू समाज को फायदा होगा ? क्या राम राज्य का सपना साकार करने का यह एक मार्ग हो सकता है ? क्या यह संभव है ? क्या कभी अखंड भारत जैसा कोई देश था भी ? क्या अखंड भारत की बात कर हम भारत को एक विस्तारवादी देश के रूप मैं तो प्रस्तुत नहीं कर रहे हैं ? क्या चीन के अंतर्गत है ! क्या चीन तिब्बत को अखंड भारत में शामिल होने की सहमती देगा ? क्या पाकिस्तान, बंगलादेश, अफगानिस्तान प्रस्तावित अखंड भारत में सम्मिलित होना चाहेंगे ? क्या हमैं इनका समर्थन करना चाहिये ? यह आप पर निर्भर है की स्वयं सोचैं कि क्या यह सम्भव है ? इसलिए आवश्यकीय है अखंड भारत की परिकल्पना स्पष्ट करने हेतु कार्य किया जाय ! हमें इस कार्य से यस मिले अपयस नहीं ! यही मेरी कामना है !
संभावित अखंड भारत की जनसंख्या के आंकड़े अध्ययन हेतु प्रस्तुत हैं !
India…………………………..1,06,55,94,600……… ( 1,24,77,70,000(-) 18,21,75,400 Muslims)
Nepal………................. 2,64,94,504………….. 1,09,20,89,104….. Hindu Population
Indian Muslims …………......18,21,75,400
Afghanistan…………………….. 2,60,23,100
Pakistan………………………….18,80,20,000
Bangladesh……………..15,67,71,000…………….. 55,29,89,500……Muslim Population.
Burma (Mynamar)……….6,03,80,000
Sri Lanka………………….2,02,77,597
Bhutan ……………………….7,50,460
Tibet………………………. 30,03,000 ………………….8,44,11,057…… Bauddh
Grand Total : 1,72.94,89,661…………Total population of perceived Akhand Bharat

कब और कैसे बनेंगे हम विश्व गुरु ? - आत्म मंथन ! How India would become World Teacher !

कब और कैसे बनेंगे हम विश्व गुरु ? - आत्म मंथन !
** 250
वर्ष का इतिहास खंगालने पर पता चलता है , कि आधुनिक विश्व मतलब 1800 के बाद , जो दुनिया मे तरक़्क़ी हुई , उसमें पश्चिमी मुल्को यानी सिर्फ *यहूदी और ईसाई* लोगो का ही हाथ है ! *हिन्दूओं* का इस विकास मे 1% का भी योगदान नही है !
**
आप देखिये के 1800 से लेकर 1940 तक *हिंदू और मुसलमान* सिर्फ बादशाहत या गद्दी के लिये लड़ते रहे !
अगर आप दुनिया के *100 बड़े वैज्ञानिको* के नाम लिखें , तो बस *एक या दो नाम हिन्दू के मिलेंगे !
**
पूरी दुनिया मे *61 इस्लामी मुल्क* है , जिनकी जनसंख्या *1.50 अरब* के करीब है और कुल *435 यूनिवर्सिटी* है !
दूसरी तरफ *हिन्दू की जनसंख्या 1.26 अरब* के क़रीब है और *385 यूनिवर्सिटी* है !
जबकि *अमेरिका* मे 3 हज़ार से अधिक और *जापान* मे 900 से अधिक *यूनिवर्सिटी* है !
*
ईसाई* दुनिया के *45% नौजवान यूनिवर्सिटी* तक पहुंचते हैं ! वहीं * हिन्दू नौजवान 8 %* मुसलमान नौजवान 2%*तक *यूनिवर्सिटी* तक पहुंचते हैं !
दुनिया के *200 बड़ी यूनिवर्सिटी* मे से *54 अमेरिका , 24 इंग्लेंड , 17 ऑस्ट्रेलिया , 10 चीन , 10 जापान , 10 हॉलॅंड , 9 फ़्राँस , 8 जर्मनी , 2 भारत और 1 इस्लामी मुल्क* में हैं !
**
अब हम आर्थिक रूप से देखते है !
*अमेरिका* का *जी. डी. पी 14.9 ट्रिलियन डॉलर* है !
जबकि पूरे *इस्लामिक मुल्क* का कुल *जी. डी. पी 3.5 ट्रिलियन डॉलर* है ! वहीं *भारत का 1.87 ट्रिलियन डॉलर* है ! 
दुनिया मे इस समय *38,000 मल्टिनॅशनल कम्पनियाँ* हैं ! इनमे से *32000 कम्पनियाँ* सिर्फ *अमेरिका* और *युरोप* में हैं !
अब तक दुनिया के *15,000 बड़े अविष्कारों* मे *6103 अविष्कार* अकेले *अमेरिका* में और *8410 अविष्कार ईसाइयों या यहूदियों* ने किये हैं !
दुनिया के *50 अमीरो* में *20 अमेरिका* , *5 इंग्लेंड* , *3 चीन* , *2 मक्सिको* , *2 भारत* और *1 अरब मुल्क* से हैं !
**
अब आपको बताते है , कि हम *हिन्दू जनहित , परोपकार या समाज सेवा* मे भी *ईसाईयों और यहूदियों से पीछे* हैं ! *रेडक्रॉस दुनिया* का सब से *बड़ा मानवीय संगठन* है , इस के बारे मे बताने की जरूरत नहीं है !
**
बिल गेट्स ने *10 बिलियन डॉलर* से *बिल- मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन* की बुनियाद रखी , जो कि पूरे *विश्व के 8 करोड़ बच्चो* की सेहत का ख्याल रखती है !
जबकि हम जानते है , कि भारत में कई अरबपति हैं !
*
मुकेश अंबानी* अपना घर बनाने मे 4000 करोड़ खर्च कर सकते हैं और *अरब का अमीर शहज़ादा* अपने स्पेशल जहाज पर 500 मिलियन डॉलर खर्च कर सकते हैं ! मगर *मानवीय सहायता* के लिये दोनों ही आगे नही आ सकते हैं !
**
यह भी जान लीजिये की *ओलंपिक खेलों* में *अमेरिका* ही सब से *अधिक गोल्ड* जीतता है , हम खेलो में भी आगे नहीं !
** *
हम अपने अतीत पर गर्व तो कर सकते हे , किन्तु व्यवहार से स्वार्थी ही है ! आपस में लड़ने पर अधिक विश्वास रखते हैं !*
** *
मानसिक रूप में आज भी हम विदेशी व्यक्ति से अधिक प्रवाभित हैं ! अपनी संस्कृति को छोड़ कर , विदेशी संस्कृति अधिक अपनाते हैं !* इन परिस्थितियों कब और कैसे बनेंगे हम विश्व गुरु ?

विश्व गुरु की अवधारणा क्या है ! पिछले 250 साल के इतिहास में पाश्च्यात्य देशों ने बहुत से आविष्कार किये और जनमानस के लिए कल्याणकारी कार्य भी किये ! हम पीछे रह गये क्योंकि हम गुलाम थे और गरीब बने रहे ! पर इस सबके बावजूद पाश्च्यात देश विश्व गुरु के पद को कभी न पा सके l शायद उन्हें इसकी चाह भी नहीं थी ! भारत की विश्गुरु बनने की चाह को इसलिए मान्यता मिलती है क्योंकि उपर्युक्त काल खंड से पहले हमारे पास यह सब कुछ था ! आध्यात्मिक ज्ञान था ! भारत ने संसार को शांतिपूर्ण सहस्तित्व का सन्देश दिया ! भारत वसुधैव कुटुम्बकम् में विश्वास करता है ! भारत के ऋषि मुनि जन्म-म्रत्यु के जंजाल (पुनरपि जन्मम, पुनरति मरणं) से मुक्ति एवं मोक्ष का सन्देश देते है ! भारत शांति प्रेम और भाई चारे का सन्देश देता है ! भारत सभी धर्मों के प्रति प्रेम और भाई चारे की बात करता है ! भारत अथिति देवोभव की बात करता है ! भारत सत्य मेव जयते की बात करता है ! परन्तु एक बात यह भी सच है मनुष्य किसी भी व्यक्ति या समाज से तब ही प्रभावित होता है जब वह व्यक्ति या समाज प्रभावशाली हो ! आज पाश्च्यात्य देशों का डंका क्यों बजता है क्योंकि वह प्रभावशाली हैं या उनसे लोगों को फ़ायदा है ! यदि भारत आर्थिक शक्ति बने, सैन्य शक्ति से भरपूर हो और जहां डाल डाल पर सोने की चिड़िया करती हो बसेरा, वो भारत देश है मेरा, इस उंचाई पर पहुँच सकें तभी हमारे ज्ञान को हमारे आध्यात्म को पूरी दुनिया समझेगी और मानेगी ! इस विषय में शुरूवात तो हो चुकी है ! योग को अन्तराष्ट्रीय जगत मैं मान्यता मिलना एक बड़ा कदम कहा जा सकता है ! आज दुनियां आध्यात्म को स्वीकार करती है ! पर यदि हम भारत को शीघ्रातिशीघ्र शक्तिशाली पर शांतिपूर्ण देश न बना सके तो यह सब कैसे होगा ? समय की आवश्यक है हम मिल कर रहने की कला सीखें ! यही भारत के कल्याण की कुंजी है !
ये चौथा खम्बा क्या है भाई ? और आया कहाँ से ?
भारतीय संविधान के अनुसार सरकार के तीन स्तम्भ हैं कार्यपालिका, न्यायपालिका व विधायिका ! पर मीडिया ने इन तीन स्तंभों के बीच मीडिया ने नारद मुनि की तरह ऐसी सेंध लगाईं कि मीडिया बन गया चौथा स्तम्भ जिसे लोग चौथा खम्बा कहलाना बेहतर समझते हैं ! समझ में नहीं आया यह चौथा खम्बा कहाँ से और कैसे आया ? इस खम्बे ने सरकारों पर ऐसा कहर ढाया है कि सरकारें इसके प्रकोप से थर थर कांपती हैं ! इस चौथे खम्बे का कहर देखना है तो देखिये टेलीविज़न के छोटे परदे पर ! एक अदना सा एंकर छोटे परदे में शहंशाह बन, बड़े से बड़े नेता नेता की वाट लगा देता है ! जब वह किसी भी नेता को हड़काता है तो नेता जी की कैसी घिघ्घी बंध जाती है ! यह आपने भी महसूस किया होगा ! जब एंकर टेलीविज़न पर अपना जलवा दिखाते हैं तो लगता है जैसे संसार के सबसे बुद्धिमान व्यक्ति वह ही हों, जैसे सारी ईमानदारी और निष्पक्ष होने का ठेका उन्होंने ही लिया हो ! सरकारों को राज काज चलाने की ट्रेनिंग वह ऐसे देते हैं जैसे पता नहीं कितनी सरकारें उन्होंने चलाई हों ! वह स्वयं को सर्वगुण संपन्न एवं सर्वश्रेष्ठ मानते हुए नेताओं के ऊपर ऐसे हावी होने का प्रयास करते हैं कि नेता जी बगलें भी नहीं झाँक पाते ! क्योंकि नेता जी स्वयं को एंकर से दोयम कैसे समझ सकते हैं ? एंकर नेताओं को तमीज सीखने की भी ट्रेनिंग देता है ! वह दुनियाँ के हर नेता को भ्रस्टाचारी एवं स्वयं को सदाचारी घोषित कर छोटे परदे के बाहुबली का बखूबी रोल निभाने मैं पटु होता है ! एंकरों की भी दो प्रजाति होती हैं ! पुरूष और महिला ! पुरुष को तो नेता किसी तरह झेल ही लेता है परन्तु महिला एंकर नेता जी की ऐसी घिग्घी बंधाती हैं कि नेता जी बगलें ही झांकते रह जाते हैं ! एंकरों की वाणी में अहंकार की तुलना कैसे करूं ? समझ लीजिये जैसे आसमान में बिजली चमकती है वैसे ही एंकर महोदय या महोदया की गर्जना अपनी चमक की धमक छोटे परदे पर यदा कदा दीखती रहती हैं ! नेता जी को उनका मुहं (माइक) बंद करने की धमकी इस चमक में उनका ब्रह्मास्त्र होता है ! इस अस्त्र के बाद तो नेताजी त्राहिमाम के तर्ज पर अपना मुहं ही सिल लेते है ! पर एंकर का सत्ता पक्ष के पेनलिस्ट की तरफ नजरिया कुछ भिन्न होता है ! उन्हें एंकरों की तरफ से कुछ सम्मान मिल जाता है ! पर टीवी स्टूडियो के बाहर एंकरों की की चमक-धमक काफी हद तक रफू चक्कर हो चुकी होती है ! विरोधी कब सत्ता पक्ष बन जाए क्या पता ? इस बात का वह बखूबी ध्यान रखते हुए चौथे खम्बे की धमक बरक़रार रखने का प्रयास करते दीखते हैं ! नेता या पेनालिस्ट्स की जवान पकड़ कर वह मुद्दा लपक लेते है ! कभी मुद्दा शराब है तो कभी गोस्त, कभी मुद्दा सांप है तो कभी चूहा ! एक बार हम भी इनके चक्कर में फंसे ! एक कार चल रही थी बिन ड्राईवर के और सुबह से शाम तक कर चलती रही ! देर शाम पर्दाफ़ाश हुवा कि पिछली सीट से वह कार चलाई जा रही थी ! किसी के थप्पड़ लगे या न लगे ! पर एंकर महोदय चिल्लायेंगे - तगड़ा लगा थप्पड़ नेता जी के गाल पर ! इसी बात पर कुछ पेनलिस्ट बैठाए जायेंगे ! और प्रश्न होगा - क्या किसी नेता को सरे बाजार महफ़िल में थप्पड़ लगाना वाजिब है, क्या थप्पड़ लगा कि नहीं ? धुंवाधार वाद विवाद चलता है और अंत में सभ्य समाज के इस पेनल में थप्पड़ को असभ्यता घोषित कर दिया जाता है ! और सबसे अंत में एंकर महोदय हर पेनलिस्ट को 30 सेकंड में, केवल 30 सेकंड में उत्तर देने का दादागिरी वाला फरमान सुनाते हैं और सारे नेता उसे हेडमास्टर का फरमान सुन अपनी बारी का इंतज़ार करते लगते है ! उसमें भी कभी कभी सबके बोलने से पहले चैनल बदल दी जाती है ! जिनको मौका मिलता है यदि वह विरोधी पक्ष का ही तो पेनलिस्ट महोदय कहेंगे झापड़ तो पड़ा ही नहीं, केवल प्रयास किया गया ! पर इस प्रयास की वह भर्त्सना करते हैं और सता पक्ष के नेता भी इसकी भर्त्सना करेंगे पर झापड़ पड़ा या नहीं इस मुद्दे को गोल कर जायेंगे और वाद विवाद का समापन हो जाएगा ! और कुछ पेनालिस्ट दूसरे चैनल में किसी अन्य विषय पर अपनी एक्सपर्ट राय देने हेतु प्रस्थान कर जायेंगे ! (This is a piece of humour !)